मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि चहुंमूखी विकास और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए राज्य के प्रत्येक गाँव में ग्राम सभाओं की बैठक छ: महीने में कम से कम एक बार अवश्य की जानी चाहिए। यह बैठकें ग्रामीण क्षेत्रों को उन्नति व प्रगति की ओर ले जाने के लिए बेहद कारगर साबित होंगी।
मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां वर्चुअल माध्यम से आयोजित करनाल जिला के पुंडरक गांव की ‘ई-ग्राम सभा’ की पहली बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि इन बैठकों के दौरान ग्रामीणों को अपनी मांगों और सुझावों को संबंधित अधिकारियों के सामने रखने का अवसर मिलता है। इन सुझावों के आधार पर बेहतर निर्णय लिये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में सभी को विशेषकर युवाओं और सेवानिवृत्त व्यक्तियों, जिनके पास कार्य करने का लंबा अनुभव है, उन्हें सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुंडरक गांव में लगभग 5 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्य करवाए गए हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश को दिए कि गाँव में आवश्यक विकास कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि हर छ: महीने में एक बार समीक्षा बैठक आयोजित की जानी चाहिए। इससे ग्रामीणों को पूरे हो चुके या प्रगतिशील विकास कार्यों और सभी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी। यह समीक्षा बैठकें सोशल ऑडिट के रूप में भी कार्य करेंगी।
इस अवसर पर विकास और पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल ने कहा कि ‘ई-ग्राम सभा’ पंचायतों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा की गई एक अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल माध्यम से आयोजित ई-ग्राम सभा की इस बैठक का रिकॉर्ड पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा ताकि बाद में भी इसे देखा जा सके।
उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 84 ‘ई-ग्राम सभाएं’ आयोजित की जा चुकी हैं और अब प्रत्येक गांव में ‘ई-ग्राम सभा’ की कम से कम एक बैठक करने का लक्ष्य है। ‘ई-ग्राम सभा’ कार्यों में पारदर्शिता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।