Monday, September 16, 2024
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CMR का फैसला होने तक जीरी नहीं खरीदेंगे राईस मिलर्स, हरियाणा के दोनों एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से लिया फैसला

कैथल/मनोज मलिक: हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एंड डिलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन एवं कार्यवाहक अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि जब तक सरकार उनके मुद्दे नहीं सुलझाती तब तक हरियाणा का कोई भी मिलर न तो रजिस्ट्रेशन करवाएगा और न ही सीएमआर का कार्य करेगा। इस बारे में हरियाणा की दोनों राइस मिल एसोसिएशन की संयुक्त मीटिंग कैथल के होटल ग्रेस में हुई।

अमरजीत छाबड़ा, हंसराज सिंगला, ज्वैल सिंगला, राजेन्द्र सिंह और भाई नरेश होडल ने कहा कि सीएमआर (2020-21) पॉलिसी के लिए मुख्य मुद्दों पर सहमति बनाई। उनकी मांगों में इस वर्ष 2019-20 के सीएमआर के रुके हुए चार्जेज व बिल तुरंत जारी करना, एफडी पहले टन पर 7 लाख, उसके बाद 3 लाख प्रति टन करना, जीरी के बदले कोई प्रॉपर्टी गिरवी नहीं लेना, जीरी 17 प्रतिशत नमी की सरकार द्वारा मंडी से खरीद कर मिलो तक पहुंचाना, मिलर्स से बारदाना पहले की तर्ज पर 50 प्रतिशत ही लेना, मिलिंग के रेट प्रति क्विंटल 100 रुपये करना, जीरी का मंडियों से सैम्पल लेकर कस, टुकड़ा , डैमेज व डिस्कलर की मात्रा 5-5 प्रतिशत निर्धारित करना, हरियाणा में होल्डिंग / इंट्रस्ट चार्जेज की एक ही पालिसी बनाना, जब एक बार धान खरीद के बाद दिसंबर में सभी मिलर्स की पीवी हो जाती है उन्हें इसके लिए बार बार तंग न करना, मिलों की कैपेसिटी के लिए मिलों से एफीडेविट लेना या टैरिफ कमीशन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार मानना, कोरोना के मद्देनजर इस बार सीएमआर का समय 30-9-21 निर्धारित करना, जो मंडियां बॉर्डर पर है उनके साथ लगते दूसरे राज्यों के किसानों का रजिस्ट्रेशन हरियाणा के किसानों के साथ ही शुरु करना, हरियाणा के सभी 1338 राइस मिलों को सीएमआर के अंतर्गत जीरी मिलना, चावल के माइसचर कट के एवज में चावल लिया जाना तथा एफसीआई में कांटा होने के बाद गाड़ी निर्धारित समय मे डंप होना। उन्होंने कहा कि जब तक कोई भी पीआर जीरी की किसी भी प्रकार की खरीद नहीं करेगा जब तक एसोसिएशन का सीएमआर पर फैसला न हो जाता।

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