चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले ही बसपा और जेजेपी का गठबंधन टूट गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर जानकारी दी कि जेजेपी के साथ अब हमारा गठबंधन नहीं है और वे विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे।
दुष्यंत ने मायावती के फैसले पर कहा कि हमारी पार्टी ने बसपा को पूरा सम्मान दिया। दुष्यंत ने कहा कि 11 अगस्त को दिल्ली में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उसी समय तय हुआ था जेजेपी 50 और बसपा 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन तोड़ने की ऐलान कर दिया। आपको बता दें कि इसके पहले मायावती ने इनेलो के साथ भी गठबंधन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर खुद ही उसे तोड़ने का ऐलान किया था।
बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है जिसके हिसाब से हरियाणा में होने वाले विधानसभा आमचुनाव में श्री दुष्यन्त चैटाला की पार्टी से जो समझौता किया था वह सीटों की संख्या व उसके आपसी बंटवारे के मामले में उनके अनुचित रवैये के कारण इसे बीएसपी हरियाणा यूनिट के सुझाव पर आज समाप्त कर दिया गया है।
— Mayawati (@Mayawati) September 6, 2019
ऐसी स्थिति में पार्टी हाईकमान ने यह फैसला किया है कि हरियाणा प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में अब बीएसपी अकेले ही अपनी पूरी तैयारी के साथ यहाँ सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
— Mayawati (@Mayawati) September 6, 2019
अभय चौटाला और अजय चौटाला परिवार और पार्टी को एक करने के लिए हरियाणा के खापें भूमिका निभा रही हैं। अभय चौटाला के बाद दुष्यंत चौटाला ने भी परिवार के एक होने के संकेत दिए थे।
जेजेपी ने बसपा, उनके नेतृत्व, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को ताकत देने में यकीन किया और उन्हें 40 सीटें का प्रस्ताव तक दिया। हमारी इच्छा बहुजन समाज को राजनीतिक ताकत देने की रही और हम इसे आगे भी हमेशा जारी रखेंगे।
— Dushyant Chautala (@Dchautala) September 6, 2019
जेजेपी शुरू से ही प्रदेश की सभी सीटों पर अपने संगठन को मजबूत कर रही है और अपने कर्मठ, निष्ठावान कार्यकर्ताओं के दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और किसान-कमेरों की सरकार बनाएगी।
— Dushyant Chautala (@Dchautala) September 6, 2019
ना झुकेंगे – ना रूकेंगे ।
अपने दम पर लड़ेंगे ।#जेजेपीजिंदाबाद— Dushyant Chautala (@Dchautala) September 6, 2019
हरियाणा में बसपा ने 1998 में इनेलो के साथ गठबंधन किया था। 2009 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। मई 2018 में फिर से इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर चलने का फैसला किया, लेकिन यह गठबंधन 9 महीने बाद ही टूट गया। फरवरी 2019 में राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का साथ बसपा ने गठबंधन करने का मन बनाया, लेकिन यह गठबंधन भी ज्यादा दिन नहीं चल पाया।